आज हम इंडिया को ओलिंपिक में प्रदर्शन करता देख बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस करते है | और कभी -कभी उन खिलाड़ियों को बुरा भला भी कहते है जो हमारी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करते| परन्तु क्या हमने कभी सोचा है कि भारत आज जहां जिस मुकाम पर खड़ा है वहा तक कैसे पहुंचा ?
आइये इस बारे में जानते है | |

भारत का ओलिंपिक व पैरालम्पिक में इतिहास
ओलिंपिक :-
भारत ने ओलिंपिक में भाग लेना सन 1900 में लिया | जब भारत भारत नहीं बल्कि ब्रिटिश भारत कहलाता था| सन 1900 में नार्मन प्रिचार्ड ने पेरिस में आयोजित ओलिंपिक में एथलेटिक्स की दो प्रतियोगिताओ में भाग लिया और दो सिल्वर मेडल जीते | 1900 से ले कर 2020 तक भारत ने अलग-अलग प्रयोगिताओ में 35 मेडल जीते है जिनमे से 10 गोल्ड 9 सिल्वर 16 कांस्य पदक शामिल है| टोकोयो ओलिंपिक 2020 जो की 2021 में हुए म भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 1 गोल्ड 2 सिल्वर 4 कांस्य पदक हासिल किये |
पैरालीम्पिक:-
वही ओलिंपिक खेलो के इतर यदि हम बात पैरालीम्पिक की करे तो भारत ने सबसे पहले 1968 पैरालीम्पिक खेलो में भाग लिया था उसके बाद 1972 में पूर्वी जर्मनी के हीडलबर्ग शहर में हुए थे | जिसमे भारत की तरफ से मुरलीकान्त पेटकर ने तैराकी प्रतियोगिता में भाग ले कर गोल्ड मेडल जीता था | 1968 से 2020 तक भारत ने अलग अलग प्रतियोगिताओँ में 31 मेडल जीते है जिनमे 9 गोल्ड 12 सिल्वर 10 कांस्य पदक शामिल है| टोकोयो पैरालीम्पिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5 गोल्ड 8 सिल्वर 6 कांस्य पदक हासिल किये |
हम आज का ब्लॉग अपने देश का नाम टोकोयो पैरालीम्पिक में रोशन करने वाले खिलाड़ियों को समर्पित करते है |
सन 1972 से ले कर 2020 पैरालीम्पिक खेलो की अलग अलग प्रतियोगिताओ अब तक जीते गए पदक व खिलाड़ियों व उनके द्वारा खेले गए खेल | |
इस बार भारत पैरालिम्पिक्स में 24 स्थान पर रहा जो की अब तक भारत द्वारा पाया गया सर्वश्रेष्ठ स्थान है इस बार अवनि लखेरा द्वारा 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड व 50 मीटर राइफल में ब्रोंज जितने के साथ ही अवनि भारत की पहली महिला निशानेबाज़ बन गयी जिन्होंने एक परलिम्पिक में 2 मैडल जीत कर ये शानदार कारनामा करके दिखाया ||
इसी के साथ हरयाणा के सिंघराज अधाना ने भी 50 मीटर पिस्तौल में सिल्वर मेडल व 10 मीटर पिस्तौल में कांस्य पदक जीते और 2 ओलिंपिक पदक के साथ घर वापसी की | |
भारत के लिए जीतने वाले खिलाड़ियों व सपोर्ट स्टाफ उनके कोच उनके परिवार वालो सभी को बधाई देते है
इस ओलिंपिक में भारत के प्रदर्शन को देखते हुए यह अनुमान सकता है कि भारत आने वाले समर पेरिस ओलंपिक्स2024 व समर पैरालिम्पिक्स 2024 में भी शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए अपने टोकोयो 2020 के रिकॉर्ड को भी तोड़ेगा ||
अपने सभी पैरालिम्पिक्स व ओलिंपिक खिलाडी जो आने वाली किसी भी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे है उनके लिए कहा है की..........
होता वक्त बड़ा बलवान है
ऐसा....
कहते लोग महान है
कहना इनका में छोडूंगा
ऐ वक़्त....
में तेरा भी गुरूर तोडूंगा |
जो बीत गया वो नहीं था वो बस में
अब खुद को भी न मै छोडूंगा
करके मेहनत जी-तोड़ मै
भाग्य तुझे भी बदलूंगा
ऐ वक़्त.....
मै तेरा भी गुरुर तोडूंगा ||
By Sudhir paal
धन्यवाद्
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